Conversation between he & she.
Story by- jai chaurasiya
She - क्या सोचा फिर...???
He - सोचना क्या है... मै तुम्हे प्रेम करता हूं और मैं इसमें कोई समझौता नहीं करना चाहता।
She - तो क्या करने का सोचा है..???
He - अभी फिलहाल ऐसा कुछ सोचा नहीं है...
लेकिन यदि तुम भी चाहो तो कोई हमे अलग नहीं कर सकता।
She - मुझे नहीं लगता कि कुछ हो पाएगा सब कुछ खत्म हो चुका है।
और पा लेना ही प्रेम नहीं होता...!!
अमर प्रेमी वही हुए जिनका अंत वियोग था मिलन नहीं।
राधा - कृष्ण को ही देख लो....!!
He - मैं प्रेम में असफल होकर कोई अमर कहानी या कविता नहीं बनना चाहता...
बल्कि मुझे प्रेम में सफल होकर उम्मीद भरा उदाहरण बनना है।
अब तुम मुझे पागल समझो या स्वार्थी मेरी चाहत तो बस यही है कि मैं तुम मेरी हो जाओ और हमारे प्रेम का अंत न हो..!!
She - तुम्हें दुनिया की तरह महान नहीं बनना क्या..??
He - वो कैसे...??
She - अपने इक्षाओं की कुर्बानी देकर...!!
He - मुझे कोई महानता का उदाहरण नहीं बनना, मुझे सिर्फ तुमसे मतलब है लोग मेरे बारे में क्या सोचते है फर्क नहीं पड़ता।
She - क्या चाहते हो...??
He - सिर्फ तुम्हे...
तुम्हारा साथ...
तुम्हारा प्यार...
और बस यही सब..!!
कुछ ज्यादा तो नहीं चाहता।।
She - नहीं...!!
और मैने भी सोच लिया है...!!
He - क्या...???
She - मेरी जिंदगी में तुम्हारे सिवा कोई न आ पाएगा, मेरी आगे की जिंदगी या तो तुम्हारे साथ होगी या फिर अकेले।
He - तुमसे इसी साथ की उम्मीद थी, शायद!
Lovely
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