What is life in hindi (जीवन क्या हैं ) by- jai chaurasiya
Story by- jai chaurasiya
विलियम शेक्सपियर (William Shakespeare) ने कहा था कि जिंदगी एक रंगमंच है,और हम लोग इस रंगमंच के कलाकार हैं| सभी लोग जीवन (Life) को अपने- अपने नजरिये से देखते है| कोई कहता है जीवन एक खेल है (Life is a game), कोई कहता है जीवन ईश्वर का दिया हुआ उपहार है (Life is a gift), कोई कहता है जीवन एक यात्रा है (Life is a journey), कोई कहता है जीवन एक दौड़ है (Life is a race) और भी बहुत कुछ|
मैं आज यहाँ पर “जीवन” (Life) के बारें में अपने विचार share कर रहा हूँ,और बताने की कोशिश करूंगा की जीवन क्या है? (What is Life)|
मेरे अनुसार जीवन की परिभाषा--
जीवन क्या है? – What is Life
मनुष्य का जीवन एक प्रकार का खेल है – Life is a Game और मनुष्य इस खेल का मुख्य खिलाडी हैं|
जीवन रूपी खेल मनुष्य को हर पल खेलना पड़ता है|
इस खेल का नाम है "(विचारों का खेल)”|
इस खेल में मनुष्य को दुश्मनों से बचकर रहना पड़ता है|मनुष्य अपने दुश्मनों से तब तक नहीं बच सकता जब तक मनुष्य के मित्र उसके साथ नहीं है|
मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र “विचार (thoughts)” है, और उसका सबसे बड़ा दुश्मन भी विचार (Thoughts) ही है|
मनुष्य के मित्रों को सकारात्मक विचार (Positive Thoughts) कहते है और मनुष्य के दुश्मनों को नकारात्मक विचार (Negative Thoughts) कहा जाता है|
विज्ञान के अनुसार मनुष्य दिन में 60, 000 से 90, 000 विचारों (Thoughts) के साथ रहता है|
यानि हर पल मनुष्य एक नए दोस्त (Positive Thought) या दुश्मन (Negative Thought) का सामना करता है|
मनुष्य का जीवन विचारों के चयन (Selection of Thoughts) का एक खेल है|
इस खेल में मनुष्य को यह पहचानना होता है कि कौनसा विचार उसका दुश्मन है और कौनसा उसका दोस्त, और फिर मनुष्य को अपने दोस्त को चुनना होता है|
हर एक दोस्त (One Positive Thought) अपने साथ कई अन्य दोस्तों (Positive Thoughts) को लाता है और हर एक दुश्मन (One Negative Thought) अपने साथ अनेक दुश्मनों (Negative Thoughts) को लाता है| मतलब की जब हम सकारात्मक सोचते हैं तो उसके साथ और भी सकारात्मक विचार आते हैं, और यदि नाकरात्मक सोचते हैं तो और भी नाकारत्मक विचार आते हैं !
इस खेल का मूल मंत्र यही है कि मनुष्य जब निरंतर दुश्मनों (Negative Thoughts) को चुनता है तो उसे इसकी आदत पड़ जाती है और अगर वह निरंतर दोस्तों (Positive Thoughts) को चुनता है, तो उसे इसकी आदत पड़ जाती है|
-~>ये कहानी आपके जीने की सोच बदल देगी…!!! 
जब भी मनुष्य कोई गलती(Mistake) करता है और कुछ दुश्मनों को चुन लेता है तो वह दुश्मन, मनुष्य को भ्रमित कर देते है और फिर मनुष्य का स्वंय पर काबू नहीं रहता और फिर मनुष्य निरंतर अपने दुश्मनों को चुनता रहता है| मतलब की एक गलती दूसरी गलती को जन्म देती हैं |
मनुष्य के पास जब ज्यादा मित्र रहते है और उसके दुश्मनों की संख्या कम रहती है तो मनुष्य निरंतर, इस खेल को जीतता जाता है| मनुष्य जब जीतता है तो वह अच्छे कार्य करने लगता है और सफलता उसके कदम चूमती है, सभी उसकी तारीफ करते है और वह खुश रहता है|
लेकिन जब मनुष्य के दुश्मन, मनुष्य के मित्रो से मजबूत हो जाते है, तो मनुष्य हर पल इस खेल को हारता जाता है और निराश एंव क्रोधित रहने लगता है|
मनुष्य को विचारों के चयन में बड़ी सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि मनुष्य के दुश्मन, मनुष्य को ललचाते है और मनुष्य को लगता है कि वही उसके दोस्त है| हमें हर समय बस यही समझना पड़ता हैं की कौन दोस्त हैं और कौन दुश्मन!
जो लोग इस खेल को खेलना सीख जाते है वे सफल हो जाते है और जो लोग इस खेल को समझ नहीं पाते वे बर्बाद हो जाते है|
इस खेल में ज्यादातर लोगों कि समस्या यह नहीं है कि वे अपने दोंस्तों और दुश्मनों को पहचानते नहीं बल्कि समस्या यह है कि वे दुश्मनों को पहचानते हुए भी उन्हें चुन लेते है| कुछ ही लोग होते हैं जो अपने दोस्त और दुश्मन नही समझ पते उन्हें हम नादान कहते हैं ,ये वो लोग होते हैं जिन्हें कोई मार्गदर्शन नही मिलता मतलब कोई बुजुर्ग (मा ,पिताजी ,बड़े भाई ) मार्गदर्शन के लिए नही होते|
कुछ लोग जान बूझकर अपने दुश्मन (नाकरात्मक विचार )को चुन लेते हैं वो इसलिए की वो खुद को समझदार समझते हैं और दुसरो पर ध्यान नही देते और उन्हें बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता हैं ,ये गलती धीरे धीरे इतनी बड़ी हो जाती हैं की पछ्तावा के सिवा कुछ नही बचता|
ईश्वर (या सकारात्मक शक्तियाँ), मनुष्य को समय-समय पर कई तरीकों से यह समझाते रहते है कि इस खेल को कैसे खेलना है लेकिन यह खेल मनुष्य को ही खेलना पड़ता है| जब मनुष्य इसमें हारता रहता है और यह भूल जाता है कि इस खेल को कैसे खेलना है तो ईश्वर फिर उसे बताते है कि इस खेल को कैसे खेलना है|
————————————- यही है जीवन
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जीवन क्या हैं (what is life by- jai chaursiya)
विलियम शेक्सपियर (William Shakespeare) ने कहा था कि जिंदगी एक रंगमंच है,और हम लोग इस रंगमंच के कलाकार हैं| सभी लोग जीवन (Life) को अपने- अपने नजरिये से देखते है| कोई कहता है जीवन एक खेल है (Life is a game), कोई कहता है जीवन ईश्वर का दिया हुआ उपहार है (Life is a gift), कोई कहता है जीवन एक यात्रा है (Life is a journey), कोई कहता है जीवन एक दौड़ है (Life is a race) और भी बहुत कुछ|
मैं आज यहाँ पर “जीवन” (Life) के बारें में अपने विचार share कर रहा हूँ,और बताने की कोशिश करूंगा की जीवन क्या है? (What is Life)|
मेरे अनुसार जीवन की परिभाषा--
जीवन क्या है? – What is Life
मनुष्य का जीवन एक प्रकार का खेल है – Life is a Game और मनुष्य इस खेल का मुख्य खिलाडी हैं|
जीवन रूपी खेल मनुष्य को हर पल खेलना पड़ता है|
इस खेल का नाम है "(विचारों का खेल)”|
इस खेल में मनुष्य को दुश्मनों से बचकर रहना पड़ता है|मनुष्य अपने दुश्मनों से तब तक नहीं बच सकता जब तक मनुष्य के मित्र उसके साथ नहीं है|
मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र “विचार (thoughts)” है, और उसका सबसे बड़ा दुश्मन भी विचार (Thoughts) ही है|
मनुष्य के मित्रों को सकारात्मक विचार (Positive Thoughts) कहते है और मनुष्य के दुश्मनों को नकारात्मक विचार (Negative Thoughts) कहा जाता है|
विज्ञान के अनुसार मनुष्य दिन में 60, 000 से 90, 000 विचारों (Thoughts) के साथ रहता है|
यानि हर पल मनुष्य एक नए दोस्त (Positive Thought) या दुश्मन (Negative Thought) का सामना करता है|
मनुष्य का जीवन विचारों के चयन (Selection of Thoughts) का एक खेल है|
इस खेल में मनुष्य को यह पहचानना होता है कि कौनसा विचार उसका दुश्मन है और कौनसा उसका दोस्त, और फिर मनुष्य को अपने दोस्त को चुनना होता है|
हर एक दोस्त (One Positive Thought) अपने साथ कई अन्य दोस्तों (Positive Thoughts) को लाता है और हर एक दुश्मन (One Negative Thought) अपने साथ अनेक दुश्मनों (Negative Thoughts) को लाता है| मतलब की जब हम सकारात्मक सोचते हैं तो उसके साथ और भी सकारात्मक विचार आते हैं, और यदि नाकरात्मक सोचते हैं तो और भी नाकारत्मक विचार आते हैं !
इस खेल का मूल मंत्र यही है कि मनुष्य जब निरंतर दुश्मनों (Negative Thoughts) को चुनता है तो उसे इसकी आदत पड़ जाती है और अगर वह निरंतर दोस्तों (Positive Thoughts) को चुनता है, तो उसे इसकी आदत पड़ जाती है|
-~>ये कहानी आपके जीने की सोच बदल देगी…!!! 
जब भी मनुष्य कोई गलती(Mistake) करता है और कुछ दुश्मनों को चुन लेता है तो वह दुश्मन, मनुष्य को भ्रमित कर देते है और फिर मनुष्य का स्वंय पर काबू नहीं रहता और फिर मनुष्य निरंतर अपने दुश्मनों को चुनता रहता है| मतलब की एक गलती दूसरी गलती को जन्म देती हैं |
मनुष्य के पास जब ज्यादा मित्र रहते है और उसके दुश्मनों की संख्या कम रहती है तो मनुष्य निरंतर, इस खेल को जीतता जाता है| मनुष्य जब जीतता है तो वह अच्छे कार्य करने लगता है और सफलता उसके कदम चूमती है, सभी उसकी तारीफ करते है और वह खुश रहता है|
लेकिन जब मनुष्य के दुश्मन, मनुष्य के मित्रो से मजबूत हो जाते है, तो मनुष्य हर पल इस खेल को हारता जाता है और निराश एंव क्रोधित रहने लगता है|
मनुष्य को विचारों के चयन में बड़ी सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि मनुष्य के दुश्मन, मनुष्य को ललचाते है और मनुष्य को लगता है कि वही उसके दोस्त है| हमें हर समय बस यही समझना पड़ता हैं की कौन दोस्त हैं और कौन दुश्मन!
जो लोग इस खेल को खेलना सीख जाते है वे सफल हो जाते है और जो लोग इस खेल को समझ नहीं पाते वे बर्बाद हो जाते है|
इस खेल में ज्यादातर लोगों कि समस्या यह नहीं है कि वे अपने दोंस्तों और दुश्मनों को पहचानते नहीं बल्कि समस्या यह है कि वे दुश्मनों को पहचानते हुए भी उन्हें चुन लेते है| कुछ ही लोग होते हैं जो अपने दोस्त और दुश्मन नही समझ पते उन्हें हम नादान कहते हैं ,ये वो लोग होते हैं जिन्हें कोई मार्गदर्शन नही मिलता मतलब कोई बुजुर्ग (मा ,पिताजी ,बड़े भाई ) मार्गदर्शन के लिए नही होते|
कुछ लोग जान बूझकर अपने दुश्मन (नाकरात्मक विचार )को चुन लेते हैं वो इसलिए की वो खुद को समझदार समझते हैं और दुसरो पर ध्यान नही देते और उन्हें बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता हैं ,ये गलती धीरे धीरे इतनी बड़ी हो जाती हैं की पछ्तावा के सिवा कुछ नही बचता|
ईश्वर (या सकारात्मक शक्तियाँ), मनुष्य को समय-समय पर कई तरीकों से यह समझाते रहते है कि इस खेल को कैसे खेलना है लेकिन यह खेल मनुष्य को ही खेलना पड़ता है| जब मनुष्य इसमें हारता रहता है और यह भूल जाता है कि इस खेल को कैसे खेलना है तो ईश्वर फिर उसे बताते है कि इस खेल को कैसे खेलना है|
————————————- यही है जीवन
जीवन एक उम्मीद है,आशा है,स्वप्न है…जो कर्मों के आधार पर सफल तथा व्यर्थ होता है ।इसका सम्बंंध सोच,समय,परिस्थिति से है जो इसको समय के अनुसार बदलते हैं |
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मेरी ताकत-: Motivational Hart touching story in hindi 
बदलाव (Changes)-Short Motivational Story
Heart touching poet in hindi by- jai chaurasiya
प्यार की कहानी एक सच्ची प्रेम कथा प्यार का इजहार करने में देर न करे।
Nice artical
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteYah bahut he useful artical hai
ReplyDeleteLife ki reality hi ye
Right hai sir true likha hai aapne mi isse bhut inspire hua hu
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