एक-तरफा प्यार || one sided love true story in hindi।। love at first site story
Story by- jai chaurasiya
एक तरफ़ा प्यार (वन साइडेड लव)
कहानी - उसका जाना वैसे जाना नही था जैसे ब्रेकअप में होता है......
वन साइडेड लव इतना भी बुरा नहीं है जितना समझाया जाता है. हां, जिसे प्यार किया जाए वो आपको प्यार न करे ये सोचकर ही बुरा लगता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इससे कोई आजीवन परेशान रहता है.
आज-कल लोग एक तरफ प्यार को बहुत ही बुरी नजरो से देखते है हमारी बॉलीवुड की कई फिल्मों में तो इसे कैंसर से भी खतरनाक बताया गया है । लोगो ने इसे एक नशा कहा है जिस प्रकार नशा किसी व्यक्ति को बर्बाद करता है उसी प्रकार एक-तरफा प्यार भी नशे की तरह आदि बनाकर व्यक्ति को बरबाद कर देता है।लेकिन क्या ये सही है आगे देखते है अपनी कहानी में......
एक-तरफा इश्क़
इतना भी आसान नही
जितना तुम समझते हो
अपने है हाथो
अपने ही जख्मो पर
नमक लगाना पड़ता है जनाब।।
और हा जो सच्ची मोहब्बत होती है ना वो एक-तरफा प्यार में ही होती है बाकी आजकल सच्ची मोहब्बत होती कहा है, लोग अपनी जरूरतों और चाहतो को पूरा करने के लिए इसे प्यार का नाम दे देते है, क्योंकि प्यार में ब्रेकअप नही होता, सिर्फ नाराजगी होती है । कभी सुना है आपने पिता का पुत्र से माँ का बेटे से भाई का भाई से भाई का बहन से ब्रेकअप हो गया हो है नाराजगी हो सकती है। वही एक तरफा प्यार में हमारा कोई स्वार्थ नही होता हमे शायद पता होता है कि वो मेरी नही हो सकती फिर भी हम उसे पागलो की तरह प्यार करते है ये सच्चा प्यार होता है।
दुनिया मे मोहब्बत आज भी बरकरार है।
क्योंकि एक-तरफा प्यार आज भी वफादार है।।
✍✍प्यार की कहानी एक सच्चीप्रेम कथा प्यार का इजहार करने में देर न करे।
कहानी - उसका जाना वैसे जाना नही था जैसे ब्रेकअप में होता है......
ये कहानी मेरी आपकी किसी की भी हो सकती है मेरे अनुसार ऐसा बहुत से लोगो के साथ होता है जो अपने प्यार का इजहार नही कर पाते और वक्त रुकता नही किसी के लिए....।।
मुझे याद है मैं घर से अपनी डिग्री की पढ़ाई के लिए दूसरे शहर गया हुआ था, मैं उस शहर में नया था पर मझे कुछ खास नही लगा है फर्क बस इतना था कि अब घर वाली शानो शौकत नही थी वहां मैं कॉलेज से दूर रूम लेकर रहता था जबकि ज्यादातर लोग वही पास में होस्टल में रहते थे इस कारण मेरे कोई खास दोस्त नही थे पर बाते जरूर सबसे होती थी। मुझे कॉलेज के दिन में बहुत ही बोर होने लगा था खैर सेमेस्टर पद्धति थीं तो समय का पता है नही चला कब समय बीतता गया घर आने जाने और एग्जाम में मेरे कॉलेज के 2 साल बीत चुके थे।
18 का था मैं, जब मुझे पहला प्यार हुआ. कहते हैं, पहला प्यार ज़िंदगी भर याद रहता है. ग़लत कहते हैं. पहला दूसरा तीसरा, हर प्यार, याद रहता है. लेकिन अगर प्यार ‘एक तरफ़ा’ हो तो वो बाकी सारे प्यार के रिश्तों से अलग, आपके दिल में एक ऐसा कोना बना लेता है, जिसमें सिर्फ़ और सिर्फ़ आप झांक सकते हैं. वरना बाकी प्यार के रिश्ते तो दो लोगों की मिल्कियत होती है. बहरहाल, मेरे पास भी, दिल में, एक ऐसा कोना है.
लोग अमूमन एक तरफ़ा प्यार से दर्द, तकलीफ़, जुदाई को जोड़ते हैं. लेकिन मैं अपने एक तरफ़ा प्यार को बेहद ख़ूबसूरत एहसास मानता हूं. ऐसा नहीं है जब मुझे उस शख़्स से मुहब्बत थी, तो मैं हमेशा बहुत खुश रहता था. मैंने उसके लिए आंसू बहाए. मेरी हर ख़्वाहिश उसे अपनी ज़िंदगी से जोड़ने की थी, तब. बहुत चिड़चिड़ाई हूं. उसकी तरफदारी करते-करते दोस्तों से लड़ा भी था. लेकिन, जब आप ज़िंदगी में आगे बढ़ जाते हैं, और फ़ुर्सत भरी किसी दुपहर में पीछे मुड़कर देखते हैं, तो वो सब दुख तकलीफ़ जो आपने झेले थे, आपके दिल को खुशियों से भर देते हैं.
वो कॉलेज के दिन थे पर मैने जैसे बताया मैन उसको 2 साल तक कभी देखा नही था, मैं कॉलेज में लड़कियों से बात नही करता था और कॉलेज भी कम ही जाता था शायद इसलिए। एक दिन अचानक वो मेरे पास कुछ मदद मांगने आ गयी पढ़ाई से संबंधित मैं उसे मना नही कर पाया और उस समय ऐसा कुछ नही था कि मुझे उससे प्यार हो गया हो.... मैन उसके साथ कई घंटे बैठे काम करते रहे फिर उसका काम पूरा हुआ वो चली गयी और मैं भी घर आ गया पता नही अब मुझे कुछ कुछ होने लगा एक अजीब एहसास था। और किसी लड़की के साथ बाते करना घंटो साथ बितान मेरे लिए कोई नई बात नही थी मेरी बहुत सी दोस्त थी जिनके साथ मैं बहुत ज्यादा समय बीतता था , लेकिन उससे बात करने के बाद एक अजीब खुशी हुई । मैन जैसे बताया मैं कॉलेज कम ही जाता था, पर पता नही क्यों कॉलेज जाने का सिलसिला अचानक सुरु हो गया वो कॉलेज का आखिरी साल था जब सब घर मे तयारी करते है मैं कॉलेज चला जता पूरे टाइम वही बिताता , मैं उस लड़की से बात करना चाहता था पर पता नही मुझे मेरे आत्मसम्मान रोक रहा था और मैं सबकी निगाहों से बचकर उसे है देखता रहता मैं उस लड़की को चाहता था, लेकिन उसे ये बताना नहीं चाहता था कि मैं उसे चाहता हूं. बल्कि उस वक्त का इंतज़ार करना चाहता था, कि उसे मुझसे प्यार हो जाए. मैं ये आज भी ठीक से नहीं जानता कि उसने कभी वो सब नोटिस भी किया या नहीं. और शायद, मैं जानना भी नहीं चाहता. मेरे लिए वो दिन फ़्रेम में जड़ी एक खूबसूरत तस्वीर की तरह हैं. तस्वीर, जो हिलती-डुलती नहीं, बदलती नहीं, उस पर किसी हालात का फ़र्क नहीं पड़ता.
बहुत सी प्यार की कहानियां एक तरफा होकर सिर्फ़ इसलिए रह जाती है क्योंकि सामने वाला न कह देता है. मेरी कहानी इसलिए एक तरफ़ा बनकर रह गई, क्योंकि मैंने उससे कभी पूछा ही नहीं. मैंने उसपर ज़ाहिर नहीं होने दिया. लेकिन दिल की भी अपनी खुराक होती है. हर इश्क़ करने वाला इस ‘ख़ुराक’ को महसूस करता है. उन दिनों मेरे दिल की खुराक थी उसे देखना. जितनी देर मुमकिन हो, जितनी बार हो सके. सामने से नहीं देख पाती थी इसलिए मैंने कई तरीके अपनाए. मैंने कुछ दिन उसके आने जाने का टाइम नोटिस किया, और फिर मैं उसके आने से कुछ देर पहले कॉलेज पहुंचने लगा. उसे गेट से एंट्री करते हुए देखने के लिए सामने की बिल्डिंग की दूसरी मंज़िल की गैलरी पर खड़ा हो जाता. कई बार ऐसा होता था कि वो मुझे कॉलेज से कुछ पहले, दिख जाती. पैदल चलती हुआ. वो बोनस होता था. एक बार वहां देखो और एक बार कॉलेज में उसे एंट्री करते हुए. अब सोचकर हंसी आती है.
एक तरफ़ा प्यार आपको सब्र और इंतेज़ार कराना सिखा देता है. आपको ‘न’ सुनना बर्दाश्त करना सिखा देता है. ज़रूरी नहीं एक तरफ़ा प्यार में इंसान लुट जाए, अपने आप को खो दे. जिसने एक बार प्यार करना सीख लिया, वो जिंदगी में फिर कभी अकेला नहीं होता. वो लड़की जिससे मैं प्यार करता था, वो मेरी आंखों के सामने सिर्फ़ आठ महीने रही. मेरा अंतिम पेपर था उस दिन शायद सबको घर जाने की जल्दी रहती है पर मुझे नही थी मैं डेढ़ घंटे में पेपर खत्म करके बाहर आ गया और उनके निकलने का इंतजार करने लगा सब दोस्त फ़ोटो खींचने में व्यस्त थे पर मैं किसी के साथ नही था और वो मुझे उस दिन नही दिखी शायद वो मेरे से भी पहले निकल गयी या दूसरे गेट से और आखिरी बार भी उसे देखने का मौका मुझे नही मिला।
उसके बाद दूसरे ही दिन मैं भी घर चला गया पर मुझे ऐसा लग रहा था मैं यह कुछ छोड़कर जा रहा हु वो मेरे contact में है पर उससे बात करने की हिम्मत नही है क्योंकि मैं अपने इस प्यार को खोना नही चाहता जो मैं उससे करता हु और अब मैन वो शहर छोड़ दिया है और शायद उसने भी।
ज़िंदगी आगे बढ़ती चली गई और हम वो मुझसे दूर होती गयी. उसका जाना वैसा जाना नहीं था जैसा ‘ब्रेकअप’ में होता है, वो तो मेरी ज़िंदगी में कब आयी कब गयी, ये उसे पता भी नहीं चला. अगर सोचा जाए, तो जो था मेरी फैंटेसी थी. जिसका कुछ हिस्सा मैंने जिया, और कुछ हिस्सा छूट गया. झटके से वो जाती तो शायद संभलना मुश्किल होता, लेकिन इस रिश्ते में शुरू से मैं अकेला था , तो फिर अकेलापन मुझे क्या डराता? और ख़याल? वो कौन किसी से छीन पाया है. जब भी किसी को एक तरफ़ा प्यार पर कुछ कहते सुनता हूं, अपने दिल के उस कोने को हल्के से सहला देता हूं. वो अहसास अपनी गहरी नींद से कुछ पल के लिए जागता है, अंगड़ाई लेता है, और फिर वापस सो जाता है.
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Beautiful one sided love story
ReplyDeleteBahut sandar Writer Jay ji
ReplyDeleteOne side love is very beautiful feeling ....yeh heart touching hei.....
ReplyDeleteVery beautiful story it was and you "re right one sided. Love is not wrong although it's beautiful
ReplyDeleteWord best love story 🥰
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