प्यार, इश्क और मोहब्बत || love, ishq and mohabbat
Story by- jai chaurasiya
मोहब्बत सच्ची है.....
ये कैसे पता चलेगा, Someone asked me...
I Say, "सच्ची मोहब्बत सबकुछ जान लेने के बाद का मुद्दा है|"
"सब कुछ मतलब?"
मैने कहा,
"उसकी बीमारियां, उसकी खामियां, उसका डर, उसकी आदत, उसके मानसिक घाव, उसके खुशी के पल, उसके आंसू की वजह और सबसे अहम - उसका अतीत।
ये सारी बातें जानने के बाद भी, अगर तुम उसे अपनाना चाहते हो, तो हां, ये सच्ची मोहब्बत है।"
और प्यार के बारे में क्या कहते हो - उसने पूछा
I say - प्यार एक ऐसा भाव जो किसी के लिए भी आ जाता है, प्यार हर इंसान किसी न किसी इंसान, जानवर से वस्तु से करता ही है, और सबसे खास बात कि प्यार में वापस सामने वाले से प्यार मिलने की उम्मीद रहती है। प्यार निस्वार्थ नहीं होता, और ये जितनी आसानी से होता है उतनी आसानी से खत्म भी हो जाता है।
Ohhh और इश्क ??
इश्क एक मुकाम है मोहब्बत का वो मुकाम जिसे हासिल करने के लिए पागलपन चाहिए ये वो मुकाम है जिसे इंसान खुद को खोकर हासिल करता है इसमें अपना कुछ नहीं बचता ये वो हालात है जिसमें हमारी जिंदगी भी हमारी नहीं होती यहां से वापिसी नामुमकिन है।
- और यदि इश्क मुकम्मल न हुआ तब?
- ऐसा सोचकर ही रूह कांप जाती है इसमें आशिक को मौत भी नसीब नहीं होती क्योंकि वो खुदकुशी करने की चाह भी नहीं होती केवल पागलपन फिर तो दुआ यही करो कि उसे मौत आ जाए।
क्या आशिक़ सम्हलते नहीं है?
नहीं कभी नहीं और यदि सम्हल जाए तो वो इश्क कैसा फिर वो इश्क नहीं रह जाएगा। इश्क के लिए पागलपन चाहिए, जुनून चाहिए।
उसने पूछा - इसका मतलब तुम्हे उससे इश्क नहीं था...??
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