कैसे दुसरो के साथ अपनी खुशिया बांटे – एक बूढ़ी माँ की कहानी
कैसे दुसरो के साथ अपनी खुशिया बांटे – एक बूढ़ी माँ की कहानी-:
हम लोग अपने जीवन में इतने बिजी है की हम लोग हमेशा बड़ी – बड़ी चीजों में ही अपनी खुशिया ढूढते है | हम लोगो को खुश रहना चाहिए , चाहेय वो खुशिया छोटी हो या बड़ी | आज की कहानी आप लोगो का दिल झकझोर देगी , मीना अपने कसबे से अकेले ही शहर की तरफ नौकरी करने जाती थी | वह एक स्कूल में टीचर थी और बहुत ही लगन से काम करती थी | वह कभी भी शहर के माहौल में नहीं रही थी इस वजह से कभी – कभी वह परेशान हो जाती थी | जब वह अपने जॉब से अपने घर जाती थी तो रास्ते में एक बुढ़िया अमरुद बेचा करती थी , वह बहुत ही बूढ़ी थी | एक दिन मीना उसके पास गयी और बोली अम्मा एक किलो अमरुद देना , मीना को देख कर बूढ़ी माँ की आँखों में चमक आ गया | वह एक किलो अमरुद मीना को दे दिया , मीना ने अमरुद लेकर एक खाया और बोला अम्मा आप का अमरुद मीठा नहीं है और उसने एक अमरुद अम्मा को निकल कर दे दिया | बूढ़ी माँ ने अमरुद खा कर बोला – मीठा तो है , फिर मीना अपना थैला लेकर वहाँ से चल दी | अब हर रोज मीना का यही काम था , एक किलो अमरुद खरीदना और फिर बोलना अमरुद मीठा नहीं है |
एक दिन मीना के पिता जी उसके साथ आ रहे थे उस दिन भी उसने ऐसा ही किया , मीना के पापा ने बोला अमरुद तो मीठा है फिर भी तुम उस बुढ़िया को क्यों परेशान करती हो | इस पर मीना ने बोला – बूढ़ी अम्मा बस अपना अमरुद बेचती है वह खुद नहीं खाती है | जब में उनको यह बोलकर एक अमरुद देती हु की अमरुद मीठा नहीं है तो काम से काम इस बहाने ही वह एक अमरुद खाती तो है | मीना के पापा बहुत से खुश हुए और बोला बेटा तुम बहुत ही अच्छा काम करती हो |
बूढ़ी अम्मा के बगल में एक लड़का जूस बेचता था , एक दिन वह आया और बोला अम्मा ये क्या आप हो हर रोज एक अमरुद उस लड़की को फ़ालतू दे देती हो | इस पर अम्मा ने बोला – बेटा वह हर रोज मेरे अमरुद को बुरा बोलकर एक अमरुद मुझको दे देती है , उसको पता है की में अपना अमरुद खाती नहीं हु | इसलिए में उसको एक अमरुद फ़ालतू दे देती हु , वह लड़की बहुत ही प्यारी है | अम्मा की यह बात सुनकर लड़का सोच में पड़ गया |
इस कहानी से हम लोगो को यही सीख मिलती है की खुशिया दो और खुशिया लो | अगर आप को कहानी अच्छी लगी हो तो शेयर करना मत भूले |
दोस्तों हम दुसरो को छोटी छोटी खुशिया देंगे तो हम सदैव खुशी रहेंगे पर आज के लोग बड़ी खुशियों कि तलाश में छोटी छोटी बहुत सी खुशिया खो देते है।
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धन्यवाद दोस्तो ।
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