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मैं बेवफाई पे नहीं लिखता।

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Story by- Jai Chaurasiya   उनको ये शिकायत है मैं बेवफ़ाई पे नही लिखता, और मैं सोचता हूँ कि मैं उनकी रुसवाई पे नही लिखता.' 'ख़ुद अपने से ज़्यादा बुरा ज़माने में कौन है मैं इसलिए औरों की बुराई पे नही लिखता.' 'कुछ तो आदत से मज़बूर हैं और कुछ फ़ितरतों की पसंद है , ज़ख़्म कितने भी गहरे हों मैं उनकी दुहाई पे नही लिखता.' 'दुनिया का क्या है हर हाल में इल्ज़ाम लगाती है, वरना क्या बात कि मैं कुछ अपनी सफ़ाई पे नही लिखता.' 'शान-ए-अमीरी पे करू कुछ अर्ज़ मगर एक रुकावट है, मेरे उसूल, मैं गुनाहों की कमाई पे नही लिखता.' 'उसकी ताक़त का नशा "मंत्र और कलमे" में बराबर है !! मेरे दोस्तों!! मैं मज़हब की लड़ाई पे नही लिखता.' 'समंदर को परखने का मेरा नज़रिया ही अलग है यारों!! मिज़ाज़ों पे लिखता हूँ मैं उसकी गहराई पे नही लिखता.' 'पराए दर्द को मैं ग़ज़लों में महसूस करता हूँ , ये सच है मैं पेड़ से फल की जुदाई पे नही लिखता.' तजुर्बा तेरी मोहब्बत का ना लिखने की वजह बस ये!! क़ि 'शायर' इश्क़ में ख़ुद अपनी तबाही पे नही लिखता ! Not mine दोस्त...

हम मिले...

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Story by- jai chaurasiya हम अजनबी थे पहले, अलग-अलग जीवन जीते थे। हमें एक - दूसरे की कोई खबर तक न थी।  जिंदगी यूं ही गुजर रही थी....!!! हम दोनों अपने में ही व्यस्त थे... हमारे अपने काम काज थे... मैंने भी हमेशा स्वयं के लिए ही सोचा... एक दिन अचानक से सब बदल गया... हमारी मुलाक़ात हुई... मैंने कभी आपसे बात करने की नहीं सोची... रिश्ते की सोची और हामी भर दी.. अचानक से आपके संदेश से मन में कई विचार आए... लेकिन जो कि जरूरी था मैने भी जवाब दिया... बातचीत का सिलसिला ऐसा हो जाएगा मैने कभी सोचा न था... जो बात सीमित होनी थी, वो बढ़ती चली गई... और उम्मीद है कि वो, कभी खत्म न होगी... मुझे कभी नहीं पता था कि आप एक दिन मेरे लिए घर जैसा महसूस करेंगी। अब... खाने से पहले, मुझे आशा है कि आपने खा लिया। सोने से पहले, मुझे आशा है कि आप आराम करेंगे। इससे पहले कि मैं कुछ भी चाहता हूं, मैं आपके लिए कामना करता हूं – खुश रहें, शांति से रहें, अपने दिल में रोशनी महसूस करें। मुझे नहीं पता कि यह कैसे हुआ, लेकिन आप सुबह में मेरा पहला विचार और रात में मेरा आखिरी विचार हैं । आपके संदेश समय से न आने से, मन का व्यथित ...

खूबी तुम्हारी...!!

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Story by- jai chaurasiya खूबी तुम्हारी, तुम्हे कितना गिनवाउंगा.. मुझे यकीन है , मैं थक जाऊंगा।। तुम्हे देख मेरे मन में एक ख्याल आता है रब किसीको बनाने में इतनी मासूमियत कहा से लाता है।। तारीफ में तुम्हारी एक दिन, आसमान से फरिश्ते बुलाऊंगी तुम्हारी खूबसूरती के किसी, तुम्हे उन्हीं से सुनवाऊंगा।। हर एक के दिल में तुम्हे पाने की तमन्ना होगी तुम्हे मुझपे यकीन न हो तो उनकी आंखों में दिखाऊंगा।। मासूमियत, इंसानियत और मोहब्बत, इन सबका भी एक चेहरा होता है.. तुम फुर्सत से आईने के सामने आओ , तुम्हे उस शख्स से मिलवाऊंगा।। तुम्हे सटीक से बयान करे , ऐसे और शब्द कहा से लाऊंगा.. मुझे यकीन है मैं थक जाऊंगा।। दोस्तो, आपको हमारा ये आर्टिकल कैसा लगा कॉमेंट के माध्यम से जरूर बताए। अगर आपके पास भी कोई कहानी या आर्टिकल हैं जिसे आप हमारे ब्लॉग मे साझा करना चाहते हैं तो आप हमको e-mail- hintsforlifeinhindi@gmail.com या हमारे :  What's app हमे भेज सकते हैं जिसे हम आपके नाम और फोटो के साथ सझा करेंगे।

एक बार लिख दो..!!

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Story by- jai chaurasiya एक बार करके ऐतबार लिख दो... कितना है मुझसे प्यार लिख दो... कटती नहीं ये जिंदगी, अब तेरे बिन... कितना करूं और इंतेज़ार लिख दो...।। तरस रहे है बड़ी मुद्दत से... इस बार अपनी मोहब्बत का इजहार लिख दो... दीवाने हो जाएं जिसे पढ़ के हम... कुछ ऐसा तुम मेरा नाम लिख दो...। एक बार करके ऐतबार लिख दो.. ख्वाहिशें अपनी दो - चार लिख दो कर सका पूरी तो मुकम्मल है जिंदगी नहीं तो चाहे गुनहगार लिख दो...!! ज्यादा नहीं लिख सकते तो मत लिखो.. मोहब्बत भरे लफ्ज़ दो - चार लिख दो.. एक बार लिखो मोहब्बत है तुमसे.. फिर यही बात बार - बार लिख दो..। दोस्तो, आपको हमारा ये आर्टिकल कैसा लगा कॉमेंट के माध्यम से जरूर बताए। अगर आपके पास भी कोई कहानी या आर्टिकल हैं जिसे आप हमारे ब्लॉग मे साझा करना चाहते हैं तो आप हमको e-mail- hintsforlifeinhindi@gmail.com या हमारे : What's app हमे भेज सकते हैं जिसे हम आपके नाम और फोटो के साथ सझा करेंगे।

तुझे इश्क हो...!!

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Story by- jai chaurasiya तुझे इश्क हो खुदा करे, तुझे उस से कोई जुदा करे.. तेरे होंठ हंसना भूल जाए, तेरी आंख नम रहा करे.. तू उसकी बाते किया करे, तू उसकी बातें सुना करे... तुझे दोस्ती भी न रास आए, तू तन्हा तन्हा फिरा करे... उसे देख कर तू रुक जाए, वो नजर झुका कर मिला करे... तेरे ख्वाब बिखरें टूट कर, तू टुकड़ों को चुना करे... तुझे हिज़्र की वो झरी लगे, तू मिलन की बस दुआ करे... तुझे इश्क पर फिर यकीन हो, तुझे हिज़्र की वो झरी लगे... तुझे हिज़्र की वो झरी लगे, तू मिलन की हर पल दुआ करे... तुझे इश्क पर फिर यकीन हो, उसे तस्बियों (माला) पर गिना करे... तू गली - गली सदा करे, तू शहर - शहर फिरा करे... फिर मैं कहूं इश्क ढोंग है, तू नहीं - नहीं किया करे... दोस्तो, आपको हमारा ये आर्टिकल कैसा लगा कॉमेंट के माध्यम से जरूर बताए। अगर आपके पास भी कोई कहानी या आर्टिकल हैं जिसे आप हमारे ब्लॉग मे साझा करना चाहते हैं तो आप हमको e-mail- hintsforlifeinhindi@gmail.com या हमारे : What's app हमे भेज सकते हैं जिसे हम आपके नाम और फोटो के साथ सझा करेंगे।

तुम मुझे भूल पाओगी क्या...!!!

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Story by- jai chaurasiya नाराजगी जायज है तुम्हारी... तुम्हें जो सबसे दूर कर रहा हूं। तुम नहीं सुन ना चाहती मुझे  फिर भी तुम्हें मजबूर कर रहा हूं। इश्क किया है ... कोई मुसलसल खेल नहीं है ... तुम्हारे ऊपर लिख के पंक्तियां खुद को मशहूर कर रहा हूं।। बिछड़े अरसा हो गया है तुमसे, तुम फिर कभी मिल पाओगी क्या?  मेरी शायरी तो समझ लेती हो एक बार में मेरा इश्क समझ मेरी मोहब्बत बन पाओगी क्या.. ? उस रोज मसर्रत दी थी जो अंगूठी तुमने वो आज भी बेबाक पड़ी है उसे आकर फिर से पहना जाओगी क्या? वो तुम पूछती हो ना की तुम मुझे भूल क्यू नहीं पाते!! तो पूछो खुद से ... तुम मुझे भूल पाओगी क्या?  तुम्हें पाना अपना बनाना तो बस ख्वाहिश थी मेरी  मेरी ख्वाहिश को पूरा कर पाओगी क्या  वो जो हर रोज हमसे छिप के मिलना था ... वो सब फिर से दोहराओगी क्या ...? तुम्हें बालकनी में खड़ा देख पीछे से तकना तो आदत थी मेरी....  मेरी जान मेरी चाहत मेरी आदत बन पाओगी क्या ... ? और वो जो तुम पूछती हो ना की तुम मुझे भूल क्यू नहीं पाते ... तो पूछो खुद से तुम मुझे भूल पाओगी क्या?  जो गई हो इस कदर छोड़ के हमें तु...

Conversation between he & she.

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Story by- jai chaurasiya She - क्या सोचा फिर...??? He - सोचना क्या है... मै तुम्हे प्रेम करता हूं और मैं इसमें कोई समझौता नहीं करना चाहता। She - तो क्या करने का सोचा है..??? He - अभी फिलहाल ऐसा कुछ सोचा नहीं है...         लेकिन यदि तुम भी चाहो तो कोई हमे अलग नहीं कर सकता। She - मुझे नहीं लगता कि कुछ हो पाएगा सब कुछ खत्म हो चुका है।  और पा लेना ही प्रेम नहीं होता...!! अमर प्रेमी वही हुए जिनका अंत वियोग था मिलन नहीं।  राधा - कृष्ण को ही देख लो....!! He - मैं प्रेम में असफल होकर कोई अमर कहानी या कविता नहीं बनना चाहता... बल्कि मुझे प्रेम में सफल होकर उम्मीद भरा उदाहरण बनना है। अब तुम मुझे पागल समझो या स्वार्थी मेरी चाहत तो बस यही है कि मैं तुम मेरी हो जाओ  और हमारे प्रेम का अंत न हो..!!  She - तुम्हें दुनिया की तरह महान नहीं बनना क्या..?? He - वो कैसे...?? She - अपने इक्षाओं की कुर्बानी देकर...!! He - मुझे कोई महानता का उदाहरण नहीं बनना, मुझे सिर्फ तुमसे मतलब है लोग मेरे बारे में क्या सोचते है फर्क नहीं पड़ता। She - क्या चाहते हो...?? He - सिर्फ तुम्ह...

Take some time to understand yourself.

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Story by- jai chaurasiya जब मन उलझन में होता है, तो हम बाहरी दुनिया से अलग होने लगते है, हम लोगों से कटने लगते है हमे अकेलापन पसंद आता है। क्योंकि लोगों की उपस्थिति हमारी सोच में व्यवधान डालती है हमारा मन चाहता है नितांत एकांत जहां हमारा मन केवल स्वयं की सुने और हम बस शांति से सोचना चाहते है। हम सही गलत कुछ भी सोच रहे हो, उस पल बस वही चलता रहता है हमारा मन गहन चिंतन में डूबा होता है और घंटों तक ये सवाल जवाब मन में चलता रहता हम खुद को ही गलत या सही साबित कर रहे होते है। अपने मन में चल रही इस प्रक्रिया में अभिभाषक भी हम है और आंकना भी हमे स्वयं को ही है । हम खुद को एक निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहते है और शायद बाद में वही हमे अच्छा महसूस कराता है।  कभी हम खुद को चोट पहुंचाते  तो अगले पल मरहम लगाते प्रतीत होते है। कभी हम स्वयं को ही गुनहगार बताते है तो अगले पल खुद के लिए ढाल बनकर खड़े हो जाते है। ये मन एक उधेड़बुन में रहता है लेकिन ये मात्र स्वयं की सुनना चाहता है। हम खुद के साथ रहना चाहते है खुद से ढेरों बाते करना चाहते है, जिसमें सवाल और जवाब दोनों ही अपने हो। खुद को सम्हालना हो या ...

Kya Mujhe bhi Tumse Sacha pyar nahi tha.

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Story by- jai chaurasiya हमे अलग हुए एक अर्शा हो गया... तुमने मुझसे बेहतर को पा लिया... शायद इसलिए मुझे छोड़ दिया... तुम्हे मुझसे सच्चा प्यार नहीं था..।। लेकिन आज मैं सोचता हूं कि... क्या मुझे तुमसे सच्चा प्यार था...?? सोचा था तुम्हारे अलावा किसी से बात तक नहीं करूंगा... मगर वक्त बीता किसी और से बात करनी पड़ी ... उसके साथ रहना पड़ा... और शायद अंत में उसका होना पड़ेगा... क्या मुझे भी सच्चा प्यार नहीं था..??? तुम्हारे बाद कई लोग मेरी जिंदगी में आए मैने कई बार चाहा कि मैं उनका हो जाऊं लेकिन इस दिल ने मुझे इजाजत नहीं दी ये मेरे पास रहकर भी सदैव तुम्हारे पक्ष में रहा। लेकिन मैने कई लड़कियों से बात की... उनमें भी मैने तुम्हे ही ढूंढा... क्या मेरे किसी और के हो जाने से ये मेरा प्यार जो तुम्हारे लिए था झूठा हो जाएगा..?? ये जिंदगी काफी लंबी है मै चिंतित हूं कि कही ऐसा न हो कि मैं किसी और का हो जाऊं...!! और शायद मैं चाहता हूं किसी और का होना या किसी को अपना हमसफर बना लेना... कब तक ये बोझ (शायद इसे बोझ कहना सही नहीं होगा) को लेकर चलूंगा...! क्योंकि जब तुमको ही मैं याद नहीं तो मै क्यों इन यादों को...

The promise.

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Story by- jai chaurasiya मुझे आज भी वह रात याद है जब मेरी ज़िंदगी ने एक अलग मोड़ लिया था। उस रात भारी बारिश हो रही थी। लोग अपने घरों की ओर भाग रहे थे। मैं किसी कैफ़े की मेज़ पर बैठा किसी का इंतज़ार कर रहा था। अचानक, बारिश में भीगी हुई एक लड़की अंदर आई, हालाँकि उसकी आँखों में आँसू थे, लेकिन वह ठीक दिख रही थी। वह मेरे सामने आकर बैठ गई। मैंने उसे टिश्यू देते हुए पूछा, “तुम कब जा रही हो?” “फ़्लाइट चार घंटे बाद है”, उसने धीमे स्वर में जवाब दिया। “बस अपने पिता से पूछो या... या यूँ कहें कि उन्हें मनाओ कि क्या तुम यहाँ रह सकती हो?”, मैंने जवाब दिया । “मेरा पूरा परिवार शिफ्ट हो रहा है। मेरे लिए यहाँ रहना संभव नहीं है।” उसने जवाब दिया। “तो हमें इसे यहीं खत्म करना होगा। हमारे जो सपने थे, जो योजनाएँ हमने साथ मिलकर बनाई थीं, उन सभी चीजों को भूल जाना होगा जैसे कि वे कभी अस्तित्व में ही न हों, है न?”, मैंने पूछा। उसकी खामोशी ने मुझे उसका जवाब बता दिया। वह अचानक खड़ी हो गई और मेरे हाथों को कस कर पकड़ते हुए बोली, "मुझसे वादा करो कि हम जहाँ भी होंगे, एक दूसरे को कभी नहीं भूलेंगे। मुझसे वादा करो कि...

Aadat pad gayi hai.

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Story by- jai chaurasiya इस समय अक्सर जब मैं अपना काम खत्म करके रात को बिस्तर में जाता हु, तो अचानक से बहुत से ख्याल दिमाग में आ जाते है, और मैं एक अजीब सी उधेड़बुन में फंस जाता हु, और चाहकर भी कई घंटों तक सो नहीं पता हूं ख्याल सोने नहीं देते। जिंदगी के सवालों में मेरा मन उलझ जाता है, और इसी उलझन में सारी रात नींद नहीं आती  मन में हजारों सवाल उठते है ये सवाल खुद से है कि  जिंदगी हमे जहां ले जा रही है, क्या सच में मुझे वह जाना था। ये सब जो हो रहा है मेरे जीवन में  शायद मैने तो ऐसा नहीं सोचा था  फिर भी मैं बहाव में बहता जा रहा हूं क्या मेरा कोई सपना नहीं था  था तो मैं क्यों कोशिश नहीं कर रहा हूं। सच तो है कि खुश नहीं हूं मैं, ये बेचैनी बताती है कि शायद मैं सही जगह पर नहीं हूं मुझे कही और होना था ऐसा महसूस होता है। एक अजीब उलझन रहती है कि क्या मुझे जो होना था उसके लिए मैने पूरी कोशिश की थी या कमी है प्रयास में और ऐसे ही उधेड़बुन में लगा रहता है मन मेरा। मन में हजारों विचार आते है.. अपने अंदर हे जंग चल रही होती है क्या ये सब कभी बदलेगा या जिंदगी यूं ही चलती रहेगी बस...

Phir Se milna, Ek nayi suruaat.

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Story by- jai chaurasiya सात साल हो गए, जब मैने उसे आखिरी बार देखा था, सात साल, जो मेरे लिए नए अनुभव और बदलाव लेकर आए थे, और जो मुझे वो इंसान बन चुके थे, जो मैं आज हूं, लेकिन जितना वक्त गुजरता गया यादों ने अपनी जगह दिल में बनाए रखी, वो बातें, वो हंसी, वो पल जो हम दोनों ने साथ में बिताए थे कभी भी पूरी तरह मेरे दिल से नहीं गए थी। एक दिन जब मैं अपनी पुरानी चीजों को सहेज रहा था, मेरा ध्यान मेरी पुरानी किताबों पर गया जो कि मुझे बेहद पसंद थी, जैसे ही मैने किताब खोली एक पुरानी तस्वीर नीचे गिरी, वो तस्वीर हमारी थी, जब हम NSS के कैंप गए थे हम दोनों आमने सामने खड़े थे, और मुस्कुरा रहे थे जैसे हम दोनों के बीच एक ही दुनिया थी, ये तस्वीर हमारे दोस्ती का सबसे खूबसूरत पल था, वो पल जब हम दोनों की दुनिया एक ही थी, और हम साथ में बहुत खुश थे।  जैसे ही मैं आगे बढ़ा एक दूसरी किताब जिससे एक सूखा गुलाब गिरा जो शायद तुमने मुझे प्रपोज करते समय दिया था, तुमने कैफे में सबके सामने अपने घुटनों पे आकर मुझे गुलाब देकर प्रपोज किया था। वो दिन 25 मई आज भी याद है मुझे, कैसे तुमने मुझे सरप्राइज़ किया। और ऐसी कई तस्वी...

जो तुम न मिलती।

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Story by- jai chaurasiya कभी कभी मैं सोचता हु  तुम जो न मिली होती तो क्या होता...?? ? नहीं समझ पाता मै प्रेम का अर्थ सही मायनों में...!! ना ही जान पाता मैं स्वयं को  इतने सलीके से...!! नहीं लिख पाता मै पन्ने भर भर कर प्रेम पर, तुम न मिलती तो न समझ पाता, न जान पाता  न कह पाता इस प्रेम को..!! मुझे लगता है मै जो हूं  तुम्हारे प्रेम का ही असर है शायद तुमने मुझे बदल दिया। तुमसे मिलने से पहले मुझे धैर्य का एक काम न आया -  मैंने कभी अच्छी चाय नहीं बनाई न ही मेरी मैगी में कभी स्वाद आया.... मैने कभी धीमी गति से गाड़ी नहीं चलाई मुझसे कभी नहीं हुआ कि मैं सब्जी चुनूं... फर्क कर पाऊं अच्छी और खराब भिंडी में। तुमसे मिलने के बाद ही... मैने सब्र करना सीखा क्योंकि... प्रेम में धीरज का होना ज़रूरी है...! मैंने इंतजार करना सीखा  कैसे किसी का घंटों इंतेज़ार करना भी सुखद अनुभव हो सकता है..!! तुमसे सीखा की दूसरे का खुश रहना  कैसे हमे खुशी देता है...!! मैने ख्याल रखना सिखा  कैसे प्रेम हमे बदल देता है..!! अगर तुम न मिली होती तो.. शायद मैं ये भी नहीं लिखता.. मेरी लिखावट ह...

Love and emotions

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Story by- jai chaurasiya हम जिससे प्यार करते है, या जिसे पसंद करते है उससे भी हम अपनी सारी भावनाएं, डर और दुःख साझा नहीं कर पाते। नहीं बता पाते हम उन्हें जब हमे उनकी बहुत ज्यादा याद आती है, बस उन्हें बेवजह संदेश भेजकर परेशान करते है उनसे बेफिजूल की बाते करते है, यूं ही बाते दोहराते रहते है। वो कुछ पल के लिए भी ओझल हो जाए तो मन व्यथित हो जाता है बेकार की आशंका में डूब जाता है, यदि सपने में भी कुछ गलत दिख जाए तो उससे रात भर नींद नहीं आती सारी रात बस उन्हीं के बारे में सोचते हुए कटती है कब सुबह हो और सुप्रभात का संदेश आए। हमे खुद से ज्यादा उनकी फिक्र रहती है, हम खुद से ज्यादा उनकी सलामती और खुशी की प्रार्थना करते है । उनकी चेहरे की खुशी हमारे दिल को सुकून पहुंचती है। और यदि वो परेशानी में हो तो मन बेचैन हो जाता है लगता है कि कैसे सब ठीक कर दिया जाए, काश ये परेशानी मेरे हिस्से आती या फिर मै क्यों वहां नहीं हूं। उनको परेशान जानकर हम बेवजह परेशान हो जाते है, हमारी नींद और भूख दोनों खत्म हो जाती है हम केवल उनकी खैरियत सुनना चाहते है। और जब पाते है असमर्थ खुद को उनकी मदद कर पाने में तब हमें ख...

तुम मुझे पढ़ती होगी।

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Story by- jai chaurasiya दुःख सोचता हूं दिन रात इसलिए दुःख को आकर्षित करता हु - अपनी ओर  सुख का सभी पर्याय दूर रहता है मुझसे... जैसे कि प्रेम और प्रेम की कल्पना...!! मुझे पता है तुम आज भी मेरे बारे में सोचती होगी.. सोचती होगी और ढूंढती होगी मुझे मेरे... कहानियों में मेरी लिखावट में....!! मैं जनता हूं कि जब भी "तुम मुझे पढ़ती होगी" ये जानने की कोशिश करती होगी कि... हर दिन कैसा महसूस करता हूं कैसे जी रहा हूं मैं?? मुझे पता है तुम्हारा सबसे बड़ा डर ये होगा की कही मै तुम्हारे दायरे से बाहर तो नहीं आ गया..?? या फिर तुम्हे भूल तो नहीं गया..?? तुम मुझे शायद इसलिए भी पढ़ती होगी कि  ये दर्द जो मैं लिखता हु ये तुम्हारे दिए हुए है जबतक मैं दर्द लिखता रहूंगा तुम्हारी हमदर्दी रहेगी मुझसे  और घमंड रहेगा खुद पर और बेपरवाह रहोगी तुम और जिस दिन मैं तुम्हारे दायरे से बाहर आ जाऊंगा.. उस दिन कुछ तो टूटता हुआ महसूस करोगी तुम.... और तुम्हे मेरा लिखना अप्रत्याशित चोट पहुंचाएगा। तुम्हारे अंदर एक खींझ उठेगी जिसे तुम बयां नहीं कर पाओगी और तुम एक अनचाही चिंता में डूब जाओगी की क्या तुमने पूरी तरह से...

खोता हुआ मैं।

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Story by- jai chaurasiya धीरे धीरे वो इंसान बनता जा रहा हूँ... जो मैं कभी बनना ही नहीं चाहता था। "खोता हुआ मैं" मैं धीरे धीरे वो इंसान बनता जा रहा हूँ, जो शायद मैं कभी बनना ही नहीं चाहता था। आज मैं आईना देखता हूं और खुद से ही नज़र चुराता हूं, खुद की परछाई को पहचान नहीं पता हूं। पहले सपनो के पीछे भागने वाला मैं, आज हकीकत से भागता जा रहा हूँ। कभी जो सवाल मुझे जागते थे, अब उनपर खामोश होता जा रहा हूँ। पहले जज्बातों से भरा दिल मेरा  अब कठोर होता जा रहा हूं। पहले खुश था, इसलिए हस्ता था अब हंसी भी बनावटी हैँ। पहले मेरे दोस्त हुआ करते थे  अब मैं खुद दोस्ती के लायक नहीं जो दोस्ती मे जान देने को तैयार रहता था वो केवल नाम की दोस्ती बची हैँ। मैं जो पहले गलत को गलत और सही को सही कहने की ताकत रखता था आज कुछ लोगो को खुश रखने के लिए  बदल गया हूँ मैं। किसी के बातो से दिल ना दुखे इसलिए मैंने खुद को बदल लिया दुनिया के रंग मे न रंग जाऊ इस डर से  चेहरे पे एक मुखौटा पहन लिया। मैं जिसने कभी किसी से कोई ईर्ष्या नहीं रखी आज अपने ही प्यार को बर्बाद करने पे तुला हु मैने अपना चरित्र खो दिया है श...

देर हो जाती है।

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Story by- jai chaurasiya हम कुछ ही लोगों के बारे में लिखते है जिसने हमें बहुत ज्यादा प्रभावित किया हो या की असीमित प्यार किया हो, या की दुःख दिया हो, जिंदगी में बहुत से लोग आते है और चले जाते है पर कुछ लोग कभी नहीं जाते वो बस जाते है, हमारे दिल के एक कोने में घरौंदा बनाकर।  वो दिन मुझे आज भी याद है.. मैने उसे बस स्टॉप पे ड्रॉप किया  और वापस मुड़कर भी न देखा  मुझे जल्दी थी जाने की शायद..!! मै समझ नहीं पाता क्यों मैं हमेशा जल्दी में रहता हु..?? जल्दी में अक्सर छूट जाती है चीज़ें  छूट जाते है लोग.... और हो जाती है देरी..!!! उसकी मेरी हाल ही में दोस्ती हुई  हमने साथ में एक लंबा सफर तय किया हमने काफी बातें की या बहुत कुछ था उसके पास जिसे उसने मुझसे साझा किया.... मैने भी उससे बात करना नहीं बंद किया  मुझे उसकी बातें अच्छी लग रही थी कैसे उसने मुझ पर भरोसा करके सारी बातें साझा की मुझे भी सुनने में बहुत अच्छा लग रहा था मैने उसके आधे दुःख को जान कर अपनी आधी समस्या को भूल दिया...!!! वो इतनी मासूम सी लड़की कितनी मासूमियत से हर बात मुझसे सांझा कर रही थी... और मैं भी उतनी...

प्रेमिका...!!!

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Story by- jai chaurasiya तुम कैसे हो...?? तुमने सुबह से कुछ खाया भी या नहीं...?? तुम्हारा एग्जाम कैसा गया...?? कुछ पैसे चाहिए हो तो बताना...?? तुम ठीक तो हो...?? ये सब सवाल केवल प्रेमिकाओं ने पूछो। तुम्हारे संघर्ष की साथी रही प्रेमिकाएं और तुम्हारे सुख दुख में साथ दिया। उन्होंने तुम्हारी कामयाबी के सपने देखे  और सदैव तुम्हारे संघर्ष में साथ रही तुम्हारे सपनो को पूरा करने के तुम्हारे साथ खड़ी रही  उन्होंने कभी तुमसे कुछ न चाहा उन्होंने न तुम्हारे नाम का सिंदूर मांगा  और न ही मांगी तुम्हारे कमाने की गारंटी... केवल ये जानना चाहा कि तुम ठीक हो  क्या तुमने समय से खाया  तुम्हारे रिजल्ट खराब आया  तो उसने तने नहीं मारा.... तुम्हारी हिम्मत बनी और तुम्हे दोबारा कोशिश करने के लिए प्रोत्साहित किया। बस बोला - चलो अगली बार और मेहनत करना मै हम न तुम्हारे साथ। न ही उसने शादी के सपने देखे  और न ही कोई वादा लिया... पर उसने हर बार तुम्हारी हार को  अपनी हार मानी और तुम्हे सहारा दिया। वो तुम्हारे साथ चलती रही बिना हक जताए  रस्ते कैसे भी हो तुम्हे हिम्मत नहीं हारन...

कैसे!

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Story by- jai chaurasiya कैसे"....??  कैसे लोग धोखा देते है..., कैसे लोग गलत कार्य करते है, कैसे लोग थोड़ी सी बीमारी में बिस्तर पकड़ लेते है, या कैसे लोग छोड़ जाते है...?? ये शब्द "कैसे" अमीन की तरह या खे की भगवान द्वारा तथास्तु की भांति कार्य करते है। जिस भी प्रश्न के आगे आपने "कैसे" लगा दिया वो आपके जीवन का सत्य बनकर सामने आएगा। जैसे हे कोई आपको धोखा देगा... या कोई छोड़कर जाएगा आप स्वयं बीमार होने से डरने लगोगे...?? क्योंकि कुदरत से आपने हे सवाल किया था "कैसे" कुदरत हर प्रश्न का उत्तर देना जानती है वो आपको उसी परिस्थिति में डाल देगी और आपको आपके "कैसे" का जवाब मिल जाएगा। अगर आपको "कैसे" पूछना ही है तो किसकी सफलता, विवेक ,किसी का संतुष्ट स्वभाव या अच्छे कार्य में बारे के बारे में पूछो। की कैसे उसने इतनी सफलता हासिल कर ली , उसका स्वभाव इतना अच्छा कैसे है, या की उसने समाज के लिए इतना कुछ कैसे किया..?? और उसके बाद अगर कोशिश भी शुरू कर दी जाए तो जरूर इस "कैसे" का जवाब भी कुदरत आपको देगी और फिर आपको एक के बाद एक "कैसे...

प्रेम कभी समाप्त नहीं होगा।

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Story by- jai chaurasiya क्या हुआ इतनी बेचैन क्यों हो...?? मुझे एक अजीब सा डर लग रहा है। कैसा डर..?? मै तो अभी तुम्हारे साथ हूं और तुमने भोर में यहां क्यों बुलाया  हम कही कैफे में भी मिल सकते थे। मैं तुमसे अकेले मिलना चाहती थी  जहां हमारी खामोशी भी बात करे.. इस झील का ठहराव और शीतलता ये मेरी पसंदीदा जगह है..... तुम मुझे पहले कभी यहां नहीं लाई... कोशिश की थी पर तुम रास्ते से लौट गए। ये वही जगह है जहां मैने तुम्हे  पिछले जन्मदिन में बुलाया था...!! क्या हुआ बताओगी...??? आज फिर से मेरे मन में वही सवाल है क्या हम मिल पाएंगे कभी...??? "हाँ.. बिल्कुल"। एक दिन अवश्य..!! बस तुम्हारा ये कहना मुझे विश्वास दे जाता है या शायद यही सुनने के लिए मैं सवाल करती हूं!  ये सुनकर मेरा मन विश्वास से भर जाता है.. थोड़ी प्रतीक्षा और सही... विश्वास और गहरा होता है.. और प्रेम तो है ही!! पर तुम इतनी चिंतित क्यों हो..?? इतने दूर रहते हो तुम मुझसे  कभी कभी तो दिन भर बात नहीं होती सुबह के मैसेज का उत्तर शाम को देते हो और इस समय आभाव से थोड़ी कटुता आती तो है। लेकिन मेरा तुम्हारे मैसेज का समय प...