श्रेष्ठता : (Motivational story in hindi for success)
Story by- जै चौरसिया
दोस्तो ये कहानी हमे बताती है हम क्यों सफल नही हो पाते आखिर क्या है जो हमे रोके रखता है हम कैसे स्वयं अपनी सफलता के बीच बाधा बनते है.....!!!
श्रेष्ठता : (Motivational story in hindi for success)
ठंड के मौसम में कुछ बंदर पेड़ की डाली पर ठिठुर रहे थे,तभी उनको पास मे जुगनू उड़ता हुआ दिखाई दिया,बंदरों ने सोचा शायद यह आग की चिंगारी है उन्होंने उस जुगनू को पकड़ कर सुखी पत्तियों पर रगड़ना और फूँक मारनी शुरू की ताकि आग उत्पन्न हो और उनकी ठंड भागे,
पर कुछ ही देर में वह जुगनू मर जाता है,बगल की डाली पर बैठी चिड़िया ने बोला अरे यह आग की चिंगारी नहीं, जो तुम लोग इससे आग निकाल रहे,यह तो एक जुगनू है क्या तुमने मुझे इसे खाते हुए नहीं देखा? यदि यह आग की चिंगारी होती तो मैं जल नहीं जाती? तुम लोग बेकार की मेहनत कर रहे हो,इतना सुनते ही उन बंदरों को गुस्सा आ जाता है और वे चिड़िया को मार देते हैं।
ध्यान देने वाली बात यह है कि हमारी आधी ज़िंदगी एसे ही कई बेकार प्रयासों में बीत जाती है,कोई शीशे में अपना चेहरा देख कर अभिनेता बनने चल पड़ता है,तो कोई गायक को देख कर गायक बनने का सोचने लगता है एसे बहुत से उदाहरण है,पर जीवन बीत जाता है और सफलता हाथ नहीं लगती,
क्या हम आग की आशा में किसी ना किसी जुगनू को नहीं फूँक रहें,जब चिड़िया ने बंदरों को समझाया तो उन्होंने उसे गुस्सा होके मार दिया उसी तरह हमारी ज़िंदगी में भी अगर हमें कोई कहता है कि जो तुम सपने देख रहे हो वो सही नहीं है तो क्या हमें भी गुस्सा नहीं आता..?
अब एक बात बताईए कहा जाता है कि जब कोई किसी सपने के साथ कड़ी मेहनत करता है तो उसे सफलता जरूर मिलती है,वहीं दूसरी ओर यह बोला जाता है कि हर सपना सच नहीं होता तो हम क्या माने और क्या ना माने?
जब व्यक्ति को लगता है की उसे किसी के सलाह की ज़रूरत नहीं और उसके लिए गए फैसले 100% सही हैं तो हाँ यह श्रेष्ठता की पहचान है पर सिर्फ मैं ही सही हूँ यह अहंकार है। हमे सदैव सामने वाले की बात सुननी चाहिए और उसकी बात पे चिंतन करना चाहिए फिर भले ही आप अपने मन की करे किन्तु यह बात तब लागू नही होती जब आप पूर्ण रूप से किसी लक्ष्य को साध चुके है।
कहानी के बंदरों ने चिड़िया को मारते समय यही बोला था कि हम इतने बड़े और ताकतवर है हमें तुम्हारे सलाह की आवश्यकता ही नहीं,इस झूठे भावना के कारण वें बंदर आज भी जुगनू को फूँक मार कर आग जलाने की कोशिश में ठिठुर रहें हैं।
तो कहानी का सारांश है समय आने पर जुगनू और चिंगारी का अंतर समझना बहुत आवश्यक है। अपनी कीमत और योग्यता आपको समझनी होगी।
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