मूर्ख से दोस्ती जानलेवा है। बंदर और मछली की कहानी
बंदर और मछली | Monkey and Fish
पुराने समय की बात है। बन्दर और मछली पक्के दोस्त थे। बंदर हमेश मछली का ख्याल रखता था। एक बार कई दिनों तक बारिस आती रही। नदी का पानी उफान पर था। बंदर सुरक्षा के लिए पेड़ पर चढ़ गया। उसने नीचे पानी में संघर्ष करती हुई मछली को देखा।

उसे मछली की चिन्ता सताने लगी। उसने सोचा कि मैं अपने-आपको को बचाने के लिए सुरक्षित ऊँचे स्थान पर हूँ और मछली को अपने हाल पर छोड़ दिया है। उसने मछली को भी सुरक्षित ऊपर लाने का विचार किया। वह नीचे आया और मछली को पकड़ कर पेड़ पर ले गया। बेशक उस मूर्ख बंदर की तरकीब काम न आयी और मछली की मौत हो गयी।
इस लघु हिंदी कहानी (short hindi story) से हमें यह सीख मिलती है कि मूर्खों से दोस्ती करना अपना जीवन खतरे में डालने के समान है न जाने कब उनके द्वारा भलाई के लिए किया गया काम भी मुसीबत को निमंत्रण दे दे
दोस्तो हमने हमेशा सुना है दोस्ती में जाति ,ऊँच - नीच नही देखा जाता दोस्त दोस्त होता है पर दोस्त ऐसा होना चाहिए जो हमे समझ पाए वो अच्छा बुरा समझ सके मूर्ख न हो , मूर्ख से दोस्त्ति खतरनाक जानलेवा हो सकती है।
धन्यवाद दोस्तों
ऐसी ही अच्छी कहानी के लिए हमे follow करे।
संपादक-: जैप्रकाश चौरसिया !
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