मोदी सरकार ने सवर्णों को दे दिया आरक्षण
Story by- jai chaurasiya
दोस्तो ये कोई कहानी या motivatinal Artical नही हैं...,. ये एक सच्चाइ हैं....!
ST-SC को हमारे सन्विधान के तहत आरक्षण प्राप्त हैं वो इस्लिये की हम भारत के मूल निवासी हैं..... मोदी सरकार ने इस हक को भी छीनने का निस्चय कर लिया हैं....... मोदी सरकार ने दर्ज़ा ही बदल दिया और सामान्या क्षेणी को आरक्षण देने का निस्चय कर लिया हैं ......!
ये एक बहुत बड़ी साजीस हैं ST-SC को हमेशा के लिए नीचे दबाने की.......!!
शर्म की बात ये हैं की कुछ ST-SC और OBC CATEGRY के लौग भी इनका समर्थन कर रहे हैं वो इस राजनीति को समझ नही पा रहे हैं.....!!
भारत में आजादी के बाद संविधान बनाया गया, इसमें वंचित वर्गों को बराबरी के उद्देश्य से आरक्षण का प्रावधान किया गया है। लेकिन इस वक्त आरक्षण पर खतरा मंडरा रहा है। दरअसल आरक्षण खत्म करना भाजपा के लिए भी सबसे बड़ा एजेंडा है। मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के आरक्षण नियमों में इस साल से बड़ा बदलाव किया गया है। यहां आरक्षण की परिभाषा ही बदल दी गई है।
दोस्तो ये कोई कहानी या motivatinal Artical नही हैं...,. ये एक सच्चाइ हैं....!
ST-SC को हमारे सन्विधान के तहत आरक्षण प्राप्त हैं वो इस्लिये की हम भारत के मूल निवासी हैं..... मोदी सरकार ने इस हक को भी छीनने का निस्चय कर लिया हैं....... मोदी सरकार ने दर्ज़ा ही बदल दिया और सामान्या क्षेणी को आरक्षण देने का निस्चय कर लिया हैं ......!
ये एक बहुत बड़ी साजीस हैं ST-SC को हमेशा के लिए नीचे दबाने की.......!!
शर्म की बात ये हैं की कुछ ST-SC और OBC CATEGRY के लौग भी इनका समर्थन कर रहे हैं वो इस राजनीति को समझ नही पा रहे हैं.....!!
मोदी सरकार ने सवणो (general category) को दे दिया आरक्षण....
भारत में आजादी के बाद संविधान बनाया गया, इसमें वंचित वर्गों को बराबरी के उद्देश्य से आरक्षण का प्रावधान किया गया है। लेकिन इस वक्त आरक्षण पर खतरा मंडरा रहा है। दरअसल आरक्षण खत्म करना भाजपा के लिए भी सबसे बड़ा एजेंडा है। मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के आरक्षण नियमों में इस साल से बड़ा बदलाव किया गया है। यहां आरक्षण की परिभाषा ही बदल दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बने नये नियम के अनुसार ऑल इंडिया कोटे में सामान्य वर्ग के लिए नयी अनारक्षित कैटेगरी बनायी गयी है। इस श्रेणी में सामान्य वर्ग के साथ ओबीसी, क्रीमीलेयर वाले अभ्यर्थी शामिल नहीं होंगे।
सीबीएसई नीट इंफॉर्मेशन बुलेटिन में काउंसलिंग के दौरान ऐसे अभ्यर्थियों को अपनी श्रेणी यूआर दर्शाने के निर्देश दिये हैं। इसके अनुसार अच्छे अंक पाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सामान्य मेरिट में जगह नहीं बना पायेंगे। इससे कम अंक वाले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा। इस बार इसी आधार पर रिजर्व्ड कैटेगरी व अनरिजर्व्ड कैटेगरी की अलग-अलग काउंसलिंग होगी।
आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी को ज्यादा अंक पाने पर भी सामान्य कोटे में दाखिला नहीं…
नई व्यवस्था के तहत आरक्षित श्रेणी को अलग रखा गया है। अगर अभ्यर्थी को मेरिट सूची में ज्यादा अंक आते भी हैं तो उन्हें अपने श्रेणी में ही उसका फायदा होगा। 2016 तक ओबीसी उम्मीदवार का अंक सामान्य वाले के बराबर होने पर उसे ओबीसी कोटे की जगह सामान्य कैटेगरी में दाखिला ले लेता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
और भी लोगो मे जगरुकता लाने के लिए इस लेखा को ज्यादा से ज्यादा साझा करे......और अपने विचार टिप्प्पणी के माध्यम से हमें बताये..!!!
धन्यवाद
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