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Showing posts from May, 2025

Conversation between he & she.

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Story by- jai chaurasiya She - क्या सोचा फिर...??? He - सोचना क्या है... मै तुम्हे प्रेम करता हूं और मैं इसमें कोई समझौता नहीं करना चाहता। She - तो क्या करने का सोचा है..??? He - अभी फिलहाल ऐसा कुछ सोचा नहीं है...         लेकिन यदि तुम भी चाहो तो कोई हमे अलग नहीं कर सकता। She - मुझे नहीं लगता कि कुछ हो पाएगा सब कुछ खत्म हो चुका है।  और पा लेना ही प्रेम नहीं होता...!! अमर प्रेमी वही हुए जिनका अंत वियोग था मिलन नहीं।  राधा - कृष्ण को ही देख लो....!! He - मैं प्रेम में असफल होकर कोई अमर कहानी या कविता नहीं बनना चाहता... बल्कि मुझे प्रेम में सफल होकर उम्मीद भरा उदाहरण बनना है। अब तुम मुझे पागल समझो या स्वार्थी मेरी चाहत तो बस यही है कि मैं तुम मेरी हो जाओ  और हमारे प्रेम का अंत न हो..!!  She - तुम्हें दुनिया की तरह महान नहीं बनना क्या..?? He - वो कैसे...?? She - अपने इक्षाओं की कुर्बानी देकर...!! He - मुझे कोई महानता का उदाहरण नहीं बनना, मुझे सिर्फ तुमसे मतलब है लोग मेरे बारे में क्या सोचते है फर्क नहीं पड़ता। She - क्या चाहते हो...?? He - सिर्फ तुम्ह...

Take some time to understand yourself.

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Story by- jai chaurasiya जब मन उलझन में होता है, तो हम बाहरी दुनिया से अलग होने लगते है, हम लोगों से कटने लगते है हमे अकेलापन पसंद आता है। क्योंकि लोगों की उपस्थिति हमारी सोच में व्यवधान डालती है हमारा मन चाहता है नितांत एकांत जहां हमारा मन केवल स्वयं की सुने और हम बस शांति से सोचना चाहते है। हम सही गलत कुछ भी सोच रहे हो, उस पल बस वही चलता रहता है हमारा मन गहन चिंतन में डूबा होता है और घंटों तक ये सवाल जवाब मन में चलता रहता हम खुद को ही गलत या सही साबित कर रहे होते है। अपने मन में चल रही इस प्रक्रिया में अभिभाषक भी हम है और आंकना भी हमे स्वयं को ही है । हम खुद को एक निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहते है और शायद बाद में वही हमे अच्छा महसूस कराता है।  कभी हम खुद को चोट पहुंचाते  तो अगले पल मरहम लगाते प्रतीत होते है। कभी हम स्वयं को ही गुनहगार बताते है तो अगले पल खुद के लिए ढाल बनकर खड़े हो जाते है। ये मन एक उधेड़बुन में रहता है लेकिन ये मात्र स्वयं की सुनना चाहता है। हम खुद के साथ रहना चाहते है खुद से ढेरों बाते करना चाहते है, जिसमें सवाल और जवाब दोनों ही अपने हो। खुद को सम्हालना हो या ...

Kya Mujhe bhi Tumse Sacha pyar nahi tha.

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Story by- jai chaurasiya हमे अलग हुए एक अर्शा हो गया... तुमने मुझसे बेहतर को पा लिया... शायद इसलिए मुझे छोड़ दिया... तुम्हे मुझसे सच्चा प्यार नहीं था..।। लेकिन आज मैं सोचता हूं कि... क्या मुझे तुमसे सच्चा प्यार था...?? सोचा था तुम्हारे अलावा किसी से बात तक नहीं करूंगा... मगर वक्त बीता किसी और से बात करनी पड़ी ... उसके साथ रहना पड़ा... और शायद अंत में उसका होना पड़ेगा... क्या मुझे भी सच्चा प्यार नहीं था..??? तुम्हारे बाद कई लोग मेरी जिंदगी में आए मैने कई बार चाहा कि मैं उनका हो जाऊं लेकिन इस दिल ने मुझे इजाजत नहीं दी ये मेरे पास रहकर भी सदैव तुम्हारे पक्ष में रहा। लेकिन मैने कई लड़कियों से बात की... उनमें भी मैने तुम्हे ही ढूंढा... क्या मेरे किसी और के हो जाने से ये मेरा प्यार जो तुम्हारे लिए था झूठा हो जाएगा..?? ये जिंदगी काफी लंबी है मै चिंतित हूं कि कही ऐसा न हो कि मैं किसी और का हो जाऊं...!! और शायद मैं चाहता हूं किसी और का होना या किसी को अपना हमसफर बना लेना... कब तक ये बोझ (शायद इसे बोझ कहना सही नहीं होगा) को लेकर चलूंगा...! क्योंकि जब तुमको ही मैं याद नहीं तो मै क्यों इन यादों को...

The promise.

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Story by- jai chaurasiya मुझे आज भी वह रात याद है जब मेरी ज़िंदगी ने एक अलग मोड़ लिया था। उस रात भारी बारिश हो रही थी। लोग अपने घरों की ओर भाग रहे थे। मैं किसी कैफ़े की मेज़ पर बैठा किसी का इंतज़ार कर रहा था। अचानक, बारिश में भीगी हुई एक लड़की अंदर आई, हालाँकि उसकी आँखों में आँसू थे, लेकिन वह ठीक दिख रही थी। वह मेरे सामने आकर बैठ गई। मैंने उसे टिश्यू देते हुए पूछा, “तुम कब जा रही हो?” “फ़्लाइट चार घंटे बाद है”, उसने धीमे स्वर में जवाब दिया। “बस अपने पिता से पूछो या... या यूँ कहें कि उन्हें मनाओ कि क्या तुम यहाँ रह सकती हो?”, मैंने जवाब दिया । “मेरा पूरा परिवार शिफ्ट हो रहा है। मेरे लिए यहाँ रहना संभव नहीं है।” उसने जवाब दिया। “तो हमें इसे यहीं खत्म करना होगा। हमारे जो सपने थे, जो योजनाएँ हमने साथ मिलकर बनाई थीं, उन सभी चीजों को भूल जाना होगा जैसे कि वे कभी अस्तित्व में ही न हों, है न?”, मैंने पूछा। उसकी खामोशी ने मुझे उसका जवाब बता दिया। वह अचानक खड़ी हो गई और मेरे हाथों को कस कर पकड़ते हुए बोली, "मुझसे वादा करो कि हम जहाँ भी होंगे, एक दूसरे को कभी नहीं भूलेंगे। मुझसे वादा करो कि...

Aadat pad gayi hai.

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Story by- jai chaurasiya इस समय अक्सर जब मैं अपना काम खत्म करके रात को बिस्तर में जाता हु, तो अचानक से बहुत से ख्याल दिमाग में आ जाते है, और मैं एक अजीब सी उधेड़बुन में फंस जाता हु, और चाहकर भी कई घंटों तक सो नहीं पता हूं ख्याल सोने नहीं देते। जिंदगी के सवालों में मेरा मन उलझ जाता है, और इसी उलझन में सारी रात नींद नहीं आती  मन में हजारों सवाल उठते है ये सवाल खुद से है कि  जिंदगी हमे जहां ले जा रही है, क्या सच में मुझे वह जाना था। ये सब जो हो रहा है मेरे जीवन में  शायद मैने तो ऐसा नहीं सोचा था  फिर भी मैं बहाव में बहता जा रहा हूं क्या मेरा कोई सपना नहीं था  था तो मैं क्यों कोशिश नहीं कर रहा हूं। सच तो है कि खुश नहीं हूं मैं, ये बेचैनी बताती है कि शायद मैं सही जगह पर नहीं हूं मुझे कही और होना था ऐसा महसूस होता है। एक अजीब उलझन रहती है कि क्या मुझे जो होना था उसके लिए मैने पूरी कोशिश की थी या कमी है प्रयास में और ऐसे ही उधेड़बुन में लगा रहता है मन मेरा। मन में हजारों विचार आते है.. अपने अंदर हे जंग चल रही होती है क्या ये सब कभी बदलेगा या जिंदगी यूं ही चलती रहेगी बस...

Phir Se milna, Ek nayi suruaat.

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Story by- jai chaurasiya सात साल हो गए, जब मैने उसे आखिरी बार देखा था, सात साल, जो मेरे लिए नए अनुभव और बदलाव लेकर आए थे, और जो मुझे वो इंसान बन चुके थे, जो मैं आज हूं, लेकिन जितना वक्त गुजरता गया यादों ने अपनी जगह दिल में बनाए रखी, वो बातें, वो हंसी, वो पल जो हम दोनों ने साथ में बिताए थे कभी भी पूरी तरह मेरे दिल से नहीं गए थी। एक दिन जब मैं अपनी पुरानी चीजों को सहेज रहा था, मेरा ध्यान मेरी पुरानी किताबों पर गया जो कि मुझे बेहद पसंद थी, जैसे ही मैने किताब खोली एक पुरानी तस्वीर नीचे गिरी, वो तस्वीर हमारी थी, जब हम NSS के कैंप गए थे हम दोनों आमने सामने खड़े थे, और मुस्कुरा रहे थे जैसे हम दोनों के बीच एक ही दुनिया थी, ये तस्वीर हमारे दोस्ती का सबसे खूबसूरत पल था, वो पल जब हम दोनों की दुनिया एक ही थी, और हम साथ में बहुत खुश थे।  जैसे ही मैं आगे बढ़ा एक दूसरी किताब जिससे एक सूखा गुलाब गिरा जो शायद तुमने मुझे प्रपोज करते समय दिया था, तुमने कैफे में सबके सामने अपने घुटनों पे आकर मुझे गुलाब देकर प्रपोज किया था। वो दिन 25 मई आज भी याद है मुझे, कैसे तुमने मुझे सरप्राइज़ किया। और ऐसी कई तस्वी...