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Showing posts from April, 2025

जो तुम न मिलती।

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Story by- jai chaurasiya कभी कभी मैं सोचता हु  तुम जो न मिली होती तो क्या होता...?? ? नहीं समझ पाता मै प्रेम का अर्थ सही मायनों में...!! ना ही जान पाता मैं स्वयं को  इतने सलीके से...!! नहीं लिख पाता मै पन्ने भर भर कर प्रेम पर, तुम न मिलती तो न समझ पाता, न जान पाता  न कह पाता इस प्रेम को..!! मुझे लगता है मै जो हूं  तुम्हारे प्रेम का ही असर है शायद तुमने मुझे बदल दिया। तुमसे मिलने से पहले मुझे धैर्य का एक काम न आया -  मैंने कभी अच्छी चाय नहीं बनाई न ही मेरी मैगी में कभी स्वाद आया.... मैने कभी धीमी गति से गाड़ी नहीं चलाई मुझसे कभी नहीं हुआ कि मैं सब्जी चुनूं... फर्क कर पाऊं अच्छी और खराब भिंडी में। तुमसे मिलने के बाद ही... मैने सब्र करना सीखा क्योंकि... प्रेम में धीरज का होना ज़रूरी है...! मैंने इंतजार करना सीखा  कैसे किसी का घंटों इंतेज़ार करना भी सुखद अनुभव हो सकता है..!! तुमसे सीखा की दूसरे का खुश रहना  कैसे हमे खुशी देता है...!! मैने ख्याल रखना सिखा  कैसे प्रेम हमे बदल देता है..!! अगर तुम न मिली होती तो.. शायद मैं ये भी नहीं लिखता.. मेरी लिखावट ह...

Love and emotions

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Story by- jai chaurasiya हम जिससे प्यार करते है, या जिसे पसंद करते है उससे भी हम अपनी सारी भावनाएं, डर और दुःख साझा नहीं कर पाते। नहीं बता पाते हम उन्हें जब हमे उनकी बहुत ज्यादा याद आती है, बस उन्हें बेवजह संदेश भेजकर परेशान करते है उनसे बेफिजूल की बाते करते है, यूं ही बाते दोहराते रहते है। वो कुछ पल के लिए भी ओझल हो जाए तो मन व्यथित हो जाता है बेकार की आशंका में डूब जाता है, यदि सपने में भी कुछ गलत दिख जाए तो उससे रात भर नींद नहीं आती सारी रात बस उन्हीं के बारे में सोचते हुए कटती है कब सुबह हो और सुप्रभात का संदेश आए। हमे खुद से ज्यादा उनकी फिक्र रहती है, हम खुद से ज्यादा उनकी सलामती और खुशी की प्रार्थना करते है । उनकी चेहरे की खुशी हमारे दिल को सुकून पहुंचती है। और यदि वो परेशानी में हो तो मन बेचैन हो जाता है लगता है कि कैसे सब ठीक कर दिया जाए, काश ये परेशानी मेरे हिस्से आती या फिर मै क्यों वहां नहीं हूं। उनको परेशान जानकर हम बेवजह परेशान हो जाते है, हमारी नींद और भूख दोनों खत्म हो जाती है हम केवल उनकी खैरियत सुनना चाहते है। और जब पाते है असमर्थ खुद को उनकी मदद कर पाने में तब हमें ख...

तुम मुझे पढ़ती होगी।

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Story by- jai chaurasiya दुःख सोचता हूं दिन रात इसलिए दुःख को आकर्षित करता हु - अपनी ओर  सुख का सभी पर्याय दूर रहता है मुझसे... जैसे कि प्रेम और प्रेम की कल्पना...!! मुझे पता है तुम आज भी मेरे बारे में सोचती होगी.. सोचती होगी और ढूंढती होगी मुझे मेरे... कहानियों में मेरी लिखावट में....!! मैं जनता हूं कि जब भी "तुम मुझे पढ़ती होगी" ये जानने की कोशिश करती होगी कि... हर दिन कैसा महसूस करता हूं कैसे जी रहा हूं मैं?? मुझे पता है तुम्हारा सबसे बड़ा डर ये होगा की कही मै तुम्हारे दायरे से बाहर तो नहीं आ गया..?? या फिर तुम्हे भूल तो नहीं गया..?? तुम मुझे शायद इसलिए भी पढ़ती होगी कि  ये दर्द जो मैं लिखता हु ये तुम्हारे दिए हुए है जबतक मैं दर्द लिखता रहूंगा तुम्हारी हमदर्दी रहेगी मुझसे  और घमंड रहेगा खुद पर और बेपरवाह रहोगी तुम और जिस दिन मैं तुम्हारे दायरे से बाहर आ जाऊंगा.. उस दिन कुछ तो टूटता हुआ महसूस करोगी तुम.... और तुम्हे मेरा लिखना अप्रत्याशित चोट पहुंचाएगा। तुम्हारे अंदर एक खींझ उठेगी जिसे तुम बयां नहीं कर पाओगी और तुम एक अनचाही चिंता में डूब जाओगी की क्या तुमने पूरी तरह से...

खोता हुआ मैं।

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Story by- jai chaurasiya धीरे धीरे वो इंसान बनता जा रहा हूँ... जो मैं कभी बनना ही नहीं चाहता था। "खोता हुआ मैं" मैं धीरे धीरे वो इंसान बनता जा रहा हूँ, जो शायद मैं कभी बनना ही नहीं चाहता था। आज मैं आईना देखता हूं और खुद से ही नज़र चुराता हूं, खुद की परछाई को पहचान नहीं पता हूं। पहले सपनो के पीछे भागने वाला मैं, आज हकीकत से भागता जा रहा हूँ। कभी जो सवाल मुझे जागते थे, अब उनपर खामोश होता जा रहा हूँ। पहले जज्बातों से भरा दिल मेरा  अब कठोर होता जा रहा हूं। पहले खुश था, इसलिए हस्ता था अब हंसी भी बनावटी हैँ। पहले मेरे दोस्त हुआ करते थे  अब मैं खुद दोस्ती के लायक नहीं जो दोस्ती मे जान देने को तैयार रहता था वो केवल नाम की दोस्ती बची हैँ। मैं जो पहले गलत को गलत और सही को सही कहने की ताकत रखता था आज कुछ लोगो को खुश रखने के लिए  बदल गया हूँ मैं। किसी के बातो से दिल ना दुखे इसलिए मैंने खुद को बदल लिया दुनिया के रंग मे न रंग जाऊ इस डर से  चेहरे पे एक मुखौटा पहन लिया। मैं जिसने कभी किसी से कोई ईर्ष्या नहीं रखी आज अपने ही प्यार को बर्बाद करने पे तुला हु मैने अपना चरित्र खो दिया है श...

देर हो जाती है।

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Story by- jai chaurasiya हम कुछ ही लोगों के बारे में लिखते है जिसने हमें बहुत ज्यादा प्रभावित किया हो या की असीमित प्यार किया हो, या की दुःख दिया हो, जिंदगी में बहुत से लोग आते है और चले जाते है पर कुछ लोग कभी नहीं जाते वो बस जाते है, हमारे दिल के एक कोने में घरौंदा बनाकर।  वो दिन मुझे आज भी याद है.. मैने उसे बस स्टॉप पे ड्रॉप किया  और वापस मुड़कर भी न देखा  मुझे जल्दी थी जाने की शायद..!! मै समझ नहीं पाता क्यों मैं हमेशा जल्दी में रहता हु..?? जल्दी में अक्सर छूट जाती है चीज़ें  छूट जाते है लोग.... और हो जाती है देरी..!!! उसकी मेरी हाल ही में दोस्ती हुई  हमने साथ में एक लंबा सफर तय किया हमने काफी बातें की या बहुत कुछ था उसके पास जिसे उसने मुझसे साझा किया.... मैने भी उससे बात करना नहीं बंद किया  मुझे उसकी बातें अच्छी लग रही थी कैसे उसने मुझ पर भरोसा करके सारी बातें साझा की मुझे भी सुनने में बहुत अच्छा लग रहा था मैने उसके आधे दुःख को जान कर अपनी आधी समस्या को भूल दिया...!!! वो इतनी मासूम सी लड़की कितनी मासूमियत से हर बात मुझसे सांझा कर रही थी... और मैं भी उतनी...

प्रेमिका...!!!

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Story by- jai chaurasiya तुम कैसे हो...?? तुमने सुबह से कुछ खाया भी या नहीं...?? तुम्हारा एग्जाम कैसा गया...?? कुछ पैसे चाहिए हो तो बताना...?? तुम ठीक तो हो...?? ये सब सवाल केवल प्रेमिकाओं ने पूछो। तुम्हारे संघर्ष की साथी रही प्रेमिकाएं और तुम्हारे सुख दुख में साथ दिया। उन्होंने तुम्हारी कामयाबी के सपने देखे  और सदैव तुम्हारे संघर्ष में साथ रही तुम्हारे सपनो को पूरा करने के तुम्हारे साथ खड़ी रही  उन्होंने कभी तुमसे कुछ न चाहा उन्होंने न तुम्हारे नाम का सिंदूर मांगा  और न ही मांगी तुम्हारे कमाने की गारंटी... केवल ये जानना चाहा कि तुम ठीक हो  क्या तुमने समय से खाया  तुम्हारे रिजल्ट खराब आया  तो उसने तने नहीं मारा.... तुम्हारी हिम्मत बनी और तुम्हे दोबारा कोशिश करने के लिए प्रोत्साहित किया। बस बोला - चलो अगली बार और मेहनत करना मै हम न तुम्हारे साथ। न ही उसने शादी के सपने देखे  और न ही कोई वादा लिया... पर उसने हर बार तुम्हारी हार को  अपनी हार मानी और तुम्हे सहारा दिया। वो तुम्हारे साथ चलती रही बिना हक जताए  रस्ते कैसे भी हो तुम्हे हिम्मत नहीं हारन...

कैसे!

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Story by- jai chaurasiya कैसे"....??  कैसे लोग धोखा देते है..., कैसे लोग गलत कार्य करते है, कैसे लोग थोड़ी सी बीमारी में बिस्तर पकड़ लेते है, या कैसे लोग छोड़ जाते है...?? ये शब्द "कैसे" अमीन की तरह या खे की भगवान द्वारा तथास्तु की भांति कार्य करते है। जिस भी प्रश्न के आगे आपने "कैसे" लगा दिया वो आपके जीवन का सत्य बनकर सामने आएगा। जैसे हे कोई आपको धोखा देगा... या कोई छोड़कर जाएगा आप स्वयं बीमार होने से डरने लगोगे...?? क्योंकि कुदरत से आपने हे सवाल किया था "कैसे" कुदरत हर प्रश्न का उत्तर देना जानती है वो आपको उसी परिस्थिति में डाल देगी और आपको आपके "कैसे" का जवाब मिल जाएगा। अगर आपको "कैसे" पूछना ही है तो किसकी सफलता, विवेक ,किसी का संतुष्ट स्वभाव या अच्छे कार्य में बारे के बारे में पूछो। की कैसे उसने इतनी सफलता हासिल कर ली , उसका स्वभाव इतना अच्छा कैसे है, या की उसने समाज के लिए इतना कुछ कैसे किया..?? और उसके बाद अगर कोशिश भी शुरू कर दी जाए तो जरूर इस "कैसे" का जवाब भी कुदरत आपको देगी और फिर आपको एक के बाद एक "कैसे...

प्रेम कभी समाप्त नहीं होगा।

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Story by- jai chaurasiya क्या हुआ इतनी बेचैन क्यों हो...?? मुझे एक अजीब सा डर लग रहा है। कैसा डर..?? मै तो अभी तुम्हारे साथ हूं और तुमने भोर में यहां क्यों बुलाया  हम कही कैफे में भी मिल सकते थे। मैं तुमसे अकेले मिलना चाहती थी  जहां हमारी खामोशी भी बात करे.. इस झील का ठहराव और शीतलता ये मेरी पसंदीदा जगह है..... तुम मुझे पहले कभी यहां नहीं लाई... कोशिश की थी पर तुम रास्ते से लौट गए। ये वही जगह है जहां मैने तुम्हे  पिछले जन्मदिन में बुलाया था...!! क्या हुआ बताओगी...??? आज फिर से मेरे मन में वही सवाल है क्या हम मिल पाएंगे कभी...??? "हाँ.. बिल्कुल"। एक दिन अवश्य..!! बस तुम्हारा ये कहना मुझे विश्वास दे जाता है या शायद यही सुनने के लिए मैं सवाल करती हूं!  ये सुनकर मेरा मन विश्वास से भर जाता है.. थोड़ी प्रतीक्षा और सही... विश्वास और गहरा होता है.. और प्रेम तो है ही!! पर तुम इतनी चिंतित क्यों हो..?? इतने दूर रहते हो तुम मुझसे  कभी कभी तो दिन भर बात नहीं होती सुबह के मैसेज का उत्तर शाम को देते हो और इस समय आभाव से थोड़ी कटुता आती तो है। लेकिन मेरा तुम्हारे मैसेज का समय प...

A Love story in hindi.

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Story by- jai chaurasiya   मेरी कहानी नहीं है, वैसे, यह एक कहानी भी नहीं है (लेकिन चलिए इसे कहानी कहते हैं)। ये वे शब्द हैं जो मैंने बहुत पहले अपनी डायरी में अपने लैपटॉप में टाइप किए थे। मैं बस यही चाहता हूं कि आप लोग इसे पढ़ें और यदि आपको यह कहानी पसंद आए तो इसे आगे बढ़ाएं। एक ऐसी कहानी जिसका कोई सुखद अंत नहीं है, लेकिन यह महत्वपूर्ण नहीं है कि हर कहानी का सुखद अंत हो। हम अपने अनुभव से बहुत कुछ सीखते हैं। तो, मुझे आशा है कि आप लोगों को यह पसंद आएगा। मैं और मेरी दोस्त अंकिता बालकनी में कुर्सी पर बैठकर कोल्ड ड्रिंक पी रहे थे। मई के, गर्मियों के उस दिन साफ़ रात थी। हम बस सामान्य बातचीत कर रहे थे। मैंने अचानक ही एक बेतरतीब सवाल पूछ दिया। 'क्या तुम्हें कोई पसंद है?' मैंने पूछा। किसी चीज़ ने उसे बुरा महसूस कराया। मैं उसका चेहरा देख सकता था, वह उदास थी, वह कोल्ड ड्रिंक निगल नहीं पा रही थी। हो सकता है कि उसे पहले कुछ भावनात्मक उतार-चढ़ाव वाला अनुभव हुआ हो (मैंने खुद सोचा)। मैं उससे अनुरोध करता हूं कि अगर उसे यह पसंद है तो वह मुझे अपने क्रश के बारे में बताए। वह इस विषय को छ...